Issue of Patta / Lease Deed

आवेदक द्वारा अपने भूखण्ड के नियमन/पट्टा विलेख प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र पुस्तिका क्रय करनी होगी। जिसमें उसे आवेदन पत्र प्रपत्र-1 में भरना है तथ प्रपत्र -2 में शपथ पत्र तथा प्रपत्र-3 में क्षतिपूर्ति बंध पत्र भी भरना होगा। शपथ पत्र 10/- रू के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर तथा क्षतिपूर्ति बंध पत्र 200/-रू के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर भरना होगा। क्षतिपूर्ति बंध पत्र प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट /नोटेरी पब्लिक / ओथ कमिश्नर से सत्यापित कराना होगा। इन सभी को तैयार कर प्रार्थी /आवेदक एक पत्रावली में भूखण्ड के मूल दस्तावेजों आवंटन पत्र, साईट प्लॉन, क्रय रसीद आदि अन्य कोई और हो तो संलग्न कर प्रस्तुत करें। 

(अ)  सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा मूल दस्तावेजों /पत्रावली का परीक्षण कर स्वामित्व रिपोर्ट अंकित की जावेगी।

(ब)  उक्त रिपोर्ट के पश्चात जोन के सहायक नगर नियोजक द्वारा भूखण्ड के क्षेत्रफल की गणना की जावेगी। 
(स)  लेखाकार द्वारा क्षेत्रफल के आधार पर योजना की नियमन दर के अनुसार नियमन, एकमुश्त लीजमनी, सीवरेज राशि व अन्य मद में ली जाने वाली राशि यदि देय हो तो गणना की जावेगी।
(द)    संबन्धित लिपिक के द्वारा नियमन राशि की गणना के अनुसार देय 40 प्रतिशत राशि का चालान चार प्रतियों में तैयार कर उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत करेगा। हस्ताक्षर होने के पश्चात चालान जारी रजिस्टर में इन्द्राज कर चालान पर क्रमांक /दिनांक अंकित कर जारी किया जावेगा। 
(य)    जमा राशि की पुष्टि जोन के कनिष्ठ लेखाकार के स्तर पर की जावेगी। 

सर्वप्रथम सम्बन्धित पुलिस थाना में मूल आवंटन पत्र गुम होने की स्थिति में एफ.आई.आर. दर्ज करानी होगी। पुलिस कार्यवाही के पश्चात् यदि मूल आवंटन पत्र प्राप्त नहीं होता हैं तो पुलिस कार्यवाही के कागजात सम्बन्धित सहकारी समिति के कार्यालय में डुप्लीकेट आवंटन पत्र प्राप्त करने का आवेदन भूखण्डधारी को प्रस्तुत करना होगा। यदि सहकारी समिति अस्तित्व में  नहीं है  तो ऐसी स्थिति में प्रशासक/समापक से डुप्लीकेट आवंटन पत्र प्राप्त करने हेतु भूखण्डधारी को आवेदन करना चाहिए। डुप्लीकेट आंवटन पत्र प्राप्त होने के पश्चात् भूखण्डधारी को निर्धारित प्रपत्र में जेडीए का पट्टा प्राप्त करने हेतु आवेदन करना चाहिए। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यदि सहकारी समिति/प्रशासक/समापक आदि भूखण्ड धारी को उपलब्ध नहीं होते हैं तो भूखण्डधारी को समस्त तथ्यों के साथ उपरजिस्ट्रार सहकारिता प्रकोष्ठ में अपने भूखण्ड के स्वामित्व की पुष्टि हेतु आवेदन प्रस्तुत करना होगा। उपरजिस्ट्रार सहकारिता द्वारा मामले में कार्यवाही की जावेगी। 

अ. सहकारी योजनाओं के भूखण्डों के लिए:
आवेदक के द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र एवं स्वामित्व के दस्तावेजात प्रस्तुत करने के पश्चात् पट्टा दिये जाने हेतु आवेदन पत्र सही पाया जाता है तो अनुमोदित योजनाओं के भूखण्डों के क्षेत्रफल की रिपोर्ट के आधार पर नियमन राशि जो 60 प्रतिशत प्राधिकरण में एवं 40 प्रतिशत हिस्सा राशि राज्य सरकार के खाते में जमा करवायी जायेगी। कैम्प दिनांक से नियमानुसार ब्याज तथा नियमन /रूपान्तरण शुल्क की 20 प्रतिशत (आवासीय भूखण्डों के लिए) तथा 40 प्रतिशत (वाणिज्यिक भूखण्डों के लिए) लीज राशि एक मुश्त ली जावेगाी। सीवरेज चार्जेज 12.50 प्रति वर्गगज देय है। सीवरेज चार्जेज पर ब्याज अप्रैल 2004 से अथवा नियमन शिविर की दिनांक से भूखण्डों पर लगेगा। 
नोट: पूर्व में भूखण्ड के पेटे राज्य सरकार/जेडीए में जमा कराई गयी रूपान्तरण शुल्क विकास शुल्क पेराफेरी को घटाकर शेष राशि जमा कराई जावेगी। 
(ब)    निजी खातेदारी योजना के भूखण्डों के लिए निजी खातेदारी योजना के भूखण्डों पर नियमन राशि (राज्य सरकार द्वारा निर्धारित जोन क्षेैत्र की नियमन दर) के अनुसार होगी। लीज राशि की गणना वर्तमान आरक्षित दर के आधार पर की जायेगी। आन्तरिक विकास कार्यो के लिये 250/-प्रति वर्ग मीटर देय है पेराफेरी चार्जेज 50.00 प्रति वर्ग मीटर देय है। स्टाम्प ड्यूटी की गणना जोन क्षेत्र की वर्तमान आरक्षित दर के आधार पर की जायेगी। जिसकी गणना निम्न प्रकार से की जायेगी:
नियमन राशि + दो वर्ष की लीज + नियमन पर ब्याज यदि हो तो का  6.50 प्रतिशत  

जी हॉं भूखण्डधारी को कार्यालय में उपस्थित होकर पट्टा विलेख पर हस्ताक्षर करने होते है। इसलिए पट्टा प्राप्त करने हेतु मूल आवंटी को ही कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है। यदि भूखण्डधारी किसी कारणवश उपस्थित होने में असमर्थ होता है तो भूखण्डधारी अपना मुख्तयारआम पट्टा प्राप्त करने हेतु प्राधिकरण में अधिकृत कर सकता है। जिसके लिए भूखण्डधारी को मुख्यतारनामा(पावर ऑफ एटोर्नी) किसी व्यक्ति के नाम से निष्पादित करना होगा। तत्पश्चात् पावर ऑफ एटोर्नी होल्डर पट्टा प्राप्त करने हेतु प्राधिकरण में मुख्तयारनामा (पावर ऑफ एटोर्नी) के साथ आवेदन कर सकता है। आवंटी को तीन फोटोग्राफ पट्टा विलेख के प्रपत्र पर चस्पा करने होंगे। यदि पावर आफ एटोर्नी के द्वारा आवेदन किया जाता है तो आंवटी के साथ-साथ आवेदक के भी तीन फोटो ग्राफ पट्टा विलेख प्रपत्र पर चस्पा कराने होंगे।

पट्टा विलेख प्राप्त करने हेतु मूल आवंटन पत्र एवं स्थल मानचित्र को प्राधिकरण में समर्पित करवाना अनिवार्य है। ‘‘ यदि ऋणदात्री संस्था के पास मूल दस्तावेजात गिरवी रखे हुए है तो ऋणदात्री संस्था के द्वारा प्राधिकरण को सूचित करना होगा कि उनके पास मूल दस्तावेजात गिरवी रखे हुए है तथा प्राधिकरण में आवेदक द्वारा प्रस्तुत मूल दस्तावेजात की छायाप्रतियां प्रस्तुत करने पर नियमन की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जावें। तत्पश्चात् प्राधिकरण के द्वारा आवेदक के पक्ष में पट्टा विलेख तैयार होने की स्थिति पर ऋणदात्री संस्था के द्वारा अपना अधिकृत प्रतिनिधि मूल दस्तावेजात को प्राधिकरण में  समर्पित करने हेतु भिजवा दिया जावेगा।‘‘ इस आशय का पत्र जेडीए के नाम से ऋणदात्री संस्था  को आवेदक के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा।

उपर्युक्तानुसार आवेदक को पट्टा प्राप्त करने हेतु कार्यवाही करनी होगी। 

जयपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा जारी किये जाने वाले समस्त प्रकार के पट्टा विलेख का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। पट्टा जारी होने की तिथि से 120 दिवस की निर्धारित अवधि में पट्टा विलेख का रजिस्ट्रेशन सम्बन्धित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में कराया जाना आवश्यक है । निर्धारित अवधि में यदि पट्टा विलेख का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है तो भूखण्डधारी को मूल पट्टा मय प्रार्थना पत्र नवीनीकरण हेतु प्राधिकरण में निम्नांकित पूर्ति करते हुए प्रस्तुत करना होगा: 

(अ)    जारी किये गये पट्टा विलेख के संलग्न स्टाम्प पेपर को प्राधिकरण में समर्पित करना होगा।
(ब)    नवीनीकरण हेतु नये स्टाम्प पेपर पूर्वानुसार क्रय कर प्रस्तुत करने होंगे।          
        उपर्युक्तानुसार आवेदक द्वारा पूर्ति करने  पर प्राधिकरण द्वारा नये स्टाम्प पेपर के साथ पट्टा विलेख का नवीनीकरण (पुनर्वेध) कर दिया जावेगा।

जी हॉं। जयपुर शहर के सभी सब रजिस्ट्रार के कार्यालयों में किसी भी भूखण्ड के पट्टा विलेख का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। जयपुर शहर में निम्नांकित स्थानों पर सब रजिस्ट्रार के कार्यालय कार्यरत हैः-

1.    जेडीए स्थित न्यू बिल्डिंग भूतल  
2.    सांगानेर(तहसील कार्यालय एवं नगर निगम, सांगानेर जोन कार्यालय के सामने) 
3.    आमेर (तहसील कार्यालय) 
4.    चित्रकूट स्टेडियम 
5.    नगर निगम मुख्यालय, लाल कोठी, टोंक रोड   
6.    कलेक्टर कार्यालय जयपुर
7.    झोटवाड़ा (पंचायत समिति कार्यालय , कालवाड रोड )
8.    चौगान स्टेडियम नगर निगम हवामहल, (पश्चिम जोन) के पास 
9.    राज0 आवासन मण्डल  (खण्ड कार्यालय ) थडी मार्केट, मानसरोवर