Change of Land Use

भू-उपयोग परिवर्तन मास्टर प्लान में दर्शित भू-उपयोग को अन्य उपयोग में जविप्रा अधिनियम की धारा 25 के तहत परिवर्तन करवाना होता है। भूमि रूपान्तरण के तहत स्वंय की खातेदारी भूमि को समर्पित कर धारा 90बी के तहत जविप्रा के नाम कराना होता है। जविप्रा के नाम कराने के पश्चात संबंधित उपयोग का पट्टा प्राप्त करना होता है।

भू-उपयोग परिवर्तन मास्टर प्लान में दर्शित भूमि को अन्य उपयोग में धारा 25 के तहत बदलवाना होता है, जैसे राजस्व ग्राम सिरसी का खसरा नम्बर 105 का प्रचलित मास्टर प्लान में भू-उपयोग ग्रामीण दर्शाया हुआ है उसको आवासीय उपयोग में लेना है।

प्रार्थना पत्र उपायुक्त जोन को प्रस्तुत किया जावेगा।

शुल्क 1 रूपये प्रति वर्गगज होगा जो कम से कम 500/-रू व अधिक से अधिक 50000/-रू. होगा I

जविप्रा की धारा 25 (3) के तहत भू-उपयोग उपान्तरण हेतु दो राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में अधिसूचना जारी कर 15 दिवस में आपत्तियॉ आमंत्रित की जाती है एवं प्राप्त आपत्तियों को नियमानुसार सुनकर निस्तारण सक्षम स्तर पर किया जाता है। प्रकरण 1000 वर्गगज से अधिक होने के कारण धारा 25 (2) की कार्यवाही हेतु प्रकरण के दो सेट तैयार कर कार्यकारी समिति की स्वीकृति पश्चात राज्य सरकार को भू-उपयोग उपान्तरण की राज्यस्तरीय समिति के समक्ष रखने एवं निर्णय हेतु भिजवाया जाता है। प्रकरण 1000 वर्गगज तक होने के कारण प्रकरण को जविप्रा की कार्यकारी समिति की बैठक में निर्णित कर स्वीकृति ली जाती है तत्पश्चात् प्रकरण में धारा 25 (2) की स्वीकृति जारी होने के पश्चात् प्रकरण धारा 25 (1) की कार्यवाही के लिये वरिष्ठ नगर नियोजक (प्रोजेक्ट) को अग्रिम कार्यवाही हेतु भिजवाया जाता है। धारा 25 (1) की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् प्रकरण का राजपत्र में प्रकाशन कराया जाता है, जिसके लिये आवेदनकर्ता द्वारा रूपये 2100/- का ड्राफ्ट अधीक्षक राजकीय केन्द्रीय मुद्रणालय में जमा कराया जाता है।

अगर मास्टर प्लान में दर्शित भू-उपयोग के अनुसार भूमि के अनुसार भूमि को उपयोग में लेता चाहता है, तो रूपान्तरण की कार्यवाही होगी अन्यथा पहले भू-उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही की जानी होगी। 

मुख्य श्रेणियॉ आवासीय, ग्रामीण, औघौगिक, संस्थानिक, ट्रक टर्मिनल, रिक्रेशनल, व्यावसायिक, नर्सरी औचार्ड, मिश्रित, इकोलोजिकल एवं अन्य है।